Hello dosto aaj mai aapko apne is blog me congress ka ak kadwa sach batane ja rha hu aap bhi jankar hairan ho jaoge to pura blog padhiye
133 साल पुरानी राजनीतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को ब्रिटिश अधिकारी एओ ह्यूम, दादाभाई नैरोजी, दिनशॉ वाचा, वोमेश बनर्जी ने मिलकर की थी। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध की बुनियाद पर इस पार्टी का गठन हुआ था। शुरुआत में यह पार्टी एक संगठन के रूप में काम करती थी। लेकिन 1947 में आजादी के बाद यह भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई।
तो दोस्तो जैसा कि आपने उपरोक्त में पढ़ा कि कांग्रेस पार्टी के बनने के पीछे कई अंग्रेजो का हाथ है आपको बता दे कि जब germany के साथ और कई देशों ने हिंदुस्तान का साथ देना चाहा हमारे नेता शुभाष चंद्रबोष के साथ तब अंग्रेजो के पैरों से जमीन निकल गई वो तभी जान चुके थे कि उनका अब भारत मे से पत्ता काटने वाला है इसलिए अंग्रेजो ने कांग्रेस पार्टी को बनाने का फैसला लिया यह पार्टी तो भारत की थी लेकिन शासन अंग्रेजों का था।
जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी और कई नेताओं ने इस पार्टी का बहुत साथ दिया क्योंकि उन्हें अंग्रेजो की गुलामी पसंद थी।
जब हमारे देश का पहला चुनाव हुआ उस चुनाव में जवाहर लाल नेहरू ने तो जीता ही नही था लेकिन गांधी जी के चालबाज दिमाग और अपने राष्ट्र पिता होने के नाते उन्होंने जवाहर लाल नेहरू को जीता दिया हमारे देश के पहले प्रधान मंत्री तो सरदार बल्लभ भाई पटेल जी थे ।
यह पार्टी शुरुआत से ही अंग्रेजो का साथ दिया ही है और अब भी देते है
क्यो जब 23 मार्च 1931 को भगत सिंघ को फाशी दी जा रही थी तब क्या ये उन्हें रोक नही सकते थे आज देश आजाद है किसी गांधी के दांडी यात्रा के कारण नही बल्कि भगत सिंह जैसे देश प्रेमियो की वजह से ।
चलिए मैन ही लेते है कि गांधी जी या जवाहर लाल नेहरू अंग्रेजों के चमचे नही थे तो क्या जो आज भी पार्लियामेंट में 2 शीत अंग्रेजो के वंसज के लिए है वो क्यो?
आखिर क्यों उन अंग्रेजो को हमारे देश के पार्लियामेंट में 2 शीट फिक्स है आखिर उनका क्या हक है हमारे देश का फैसलो में अपना फैसला सुनाने का ?
अब तो आप जान ही गए होंगे अगर आज सरदार बल्लभ भाई पटेल जी हमारे देश के प्रधान मंत्री बने होते तो पाकिस्तान ने बना होता इतने झगड़े न हुए होते।
और हमारा एक सवाल और यह है कि आखिर जब गांधी जी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ थे तो उन्हें अंग्रेजो ने कांग्रेस का अध्यक्ष क्यो बनाया?
अगर आपके पास जवाब है तो हमे अवश्य बताये।
दोस्तो हमारा यह ब्लॉग किसी के बिस्वास को दर्द पहुचाने के लिए नही बनाया है हमने तो सिर्फ आपके सामने सच लेन के लिए यह ब्लॉग बनाया है।
अगर आप सहमत है तो शेयर जरूर करे ताकी हर एक भारतीय यह सच जान सके।
अगर आपको बुरा लगा हो तो हमे क्षमा करें लेकिन यह सच है धन्यवाद
133 साल पुरानी राजनीतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को ब्रिटिश अधिकारी एओ ह्यूम, दादाभाई नैरोजी, दिनशॉ वाचा, वोमेश बनर्जी ने मिलकर की थी। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध की बुनियाद पर इस पार्टी का गठन हुआ था। शुरुआत में यह पार्टी एक संगठन के रूप में काम करती थी। लेकिन 1947 में आजादी के बाद यह भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई।
तो दोस्तो जैसा कि आपने उपरोक्त में पढ़ा कि कांग्रेस पार्टी के बनने के पीछे कई अंग्रेजो का हाथ है आपको बता दे कि जब germany के साथ और कई देशों ने हिंदुस्तान का साथ देना चाहा हमारे नेता शुभाष चंद्रबोष के साथ तब अंग्रेजो के पैरों से जमीन निकल गई वो तभी जान चुके थे कि उनका अब भारत मे से पत्ता काटने वाला है इसलिए अंग्रेजो ने कांग्रेस पार्टी को बनाने का फैसला लिया यह पार्टी तो भारत की थी लेकिन शासन अंग्रेजों का था।
जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी और कई नेताओं ने इस पार्टी का बहुत साथ दिया क्योंकि उन्हें अंग्रेजो की गुलामी पसंद थी।
जब हमारे देश का पहला चुनाव हुआ उस चुनाव में जवाहर लाल नेहरू ने तो जीता ही नही था लेकिन गांधी जी के चालबाज दिमाग और अपने राष्ट्र पिता होने के नाते उन्होंने जवाहर लाल नेहरू को जीता दिया हमारे देश के पहले प्रधान मंत्री तो सरदार बल्लभ भाई पटेल जी थे ।
यह पार्टी शुरुआत से ही अंग्रेजो का साथ दिया ही है और अब भी देते है
क्यो जब 23 मार्च 1931 को भगत सिंघ को फाशी दी जा रही थी तब क्या ये उन्हें रोक नही सकते थे आज देश आजाद है किसी गांधी के दांडी यात्रा के कारण नही बल्कि भगत सिंह जैसे देश प्रेमियो की वजह से ।
चलिए मैन ही लेते है कि गांधी जी या जवाहर लाल नेहरू अंग्रेजों के चमचे नही थे तो क्या जो आज भी पार्लियामेंट में 2 शीत अंग्रेजो के वंसज के लिए है वो क्यो?
आखिर क्यों उन अंग्रेजो को हमारे देश के पार्लियामेंट में 2 शीट फिक्स है आखिर उनका क्या हक है हमारे देश का फैसलो में अपना फैसला सुनाने का ?
अब तो आप जान ही गए होंगे अगर आज सरदार बल्लभ भाई पटेल जी हमारे देश के प्रधान मंत्री बने होते तो पाकिस्तान ने बना होता इतने झगड़े न हुए होते।
और हमारा एक सवाल और यह है कि आखिर जब गांधी जी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ थे तो उन्हें अंग्रेजो ने कांग्रेस का अध्यक्ष क्यो बनाया?
अगर आपके पास जवाब है तो हमे अवश्य बताये।
दोस्तो हमारा यह ब्लॉग किसी के बिस्वास को दर्द पहुचाने के लिए नही बनाया है हमने तो सिर्फ आपके सामने सच लेन के लिए यह ब्लॉग बनाया है।
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